गुना। शासकीय उचित मूल्य दुकान जटेरी में व्यापक अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसके चलते दुकान के विक्रेता पार्वती मीना और सहायक विक्रेता कृष्णगोपाल (कान्हा) मीना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि विक्रेताओं पर राशन स्टॉक की जानकारी छिपाने, राशन के दुरुपयोग और वितरण में अनियमितताएं बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं।
यह मामला तब सामने आया जब जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के आधार पर शासकीय उचित मूल्य दुकान जटेरी का निरीक्षण किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि सहायक विक्रेता कान्हा मीना, गांववासियों से पीओएस मशीन पर अंगूठे लगवाकर, राशन वितरण के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था। हितग्राहियों को दिए जाने वाले राशन में हेराफेरी की जा रही थी—5 किग्रा राशन के स्थान पर केवल 4 किग्रा ही दिया जा रहा था।
जांच में यह भी पाया गया कि पिछले महीने अगस्त में राशन वितरण के नाम पर 24 किग्रा गेहूं और 24 किग्रा चावल दिया गया था, जबकि वास्तविक रूप में राशन का वितरण कम किया गया। इसके साथ ही, भौतिक सत्यापन में 76.87 क्विंटल गेहूं और 72.51 क्विंटल चावल स्टॉक से गायब मिले। वहीं, 8 किग्रा शक्कर अधिक और 11.25 क्विंटल बाजरा भी अतिरिक्त पाया गया।
कारण बताओ सूचना पत्र के जवाब में सहायक विक्रेता कृष्णगोपाल मीना ने संतोषजनक जानकारी नहीं दी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि राशन का दुरुपयोग किया गया है। यह कृत्य मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है, जिसके तहत विक्रेता पार्वती मीना और सहायक विक्रेता कृष्णगोपाल (कान्हा) मीना के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासकीय उचित मूल्य दुकान में अनियमितताओं पर सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है, ताकि हितग्राहियों के साथ हो रहे धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके।