संपूर्ण सनातन ब्राह्मण महासभा द्वारा भव्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित: समाज के विकास की दिशा में ऐतिहासिक पहल,700 प्रविष्टियों वाली पत्रिका का हुआ विमोचन

गुना। संपूर्ण सनातन ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में 24 नवंबर को 19वां युवक-युवती परिचय सम्मेलन भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में समाज के लगभग 300 नवयुवकों और 180 युवतियों ने भाग लिया, जिनका उद्देश्य उपयुक्त जीवनसाथी की तलाश और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देना था। यह सम्मेलन समाज के लिए एक नई दिशा देने वाला अवसर साबित हुआ। आयोजन का मुख्य आकर्षण विशेष पत्रिका का विमोचन रहा, जिसमें 700 से अधिक प्रविष्टियां सम्मिलित थीं। यह पत्रिका समाज के युवाओं को जोड़ने, संबंधों को प्रगाढ़ करने और सामुदायिक सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु तैयार की गई।

प्रदेश स्तर के नेतृत्व ने दिया मार्गदर्शन

इस आयोजन का नेतृत्व प्रदेश कार्यक्रम प्रभारी पंडित राधेश्याम शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में किया गया। श्री शर्मा, जो इससे पहले 18 सफल परिचय सम्मेलनों का आयोजन कर चुके हैं, ने अपने अनुभव और संगठनात्मक कौशल का परिचय देते हुए कार्यक्रम को ऐतिहासिक सफलता दिलाई। प्रमुख अतिथि पंडित बृजेश व्यास (भोपाल), दीपाली तिवारी (भोपाल), और रवि व्यास (पन्ना) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को गौरवान्वित किया। मुख्य अतिथियों ने समाज के युवाओं को संदेश दिया कि एकजुटता, परंपरा और आधुनिकता का संतुलन ही समाज के समग्र विकास का आधार है।

संभागीय अध्यक्ष विवेक शर्मा और आयोजन समिति का सराहनीय योगदान

संभागीय अध्यक्ष विवेक शर्मा ने आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि गुना जिले में यह अब तक का सबसे बड़ा ब्राह्मण समाज का आयोजन था, जिसमें व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। बाहर से आने वाले समाजजनों के लिए ठहरने, भोजन और अन्य आवश्यकताओं की उत्तम व्यवस्था की गई। आयोजन समिति के सदस्यों ने महीनों तक मेहनत कर सम्मेलन को व्यवस्थित और प्रभावशाली बनाया। श्री शर्मा ने बताया कि यह सम्मेलन न केवल विवाह योग्य युवाओं को जोड़ने का माध्यम बना, बल्कि समाज में संवाद और सहयोग के नए आयाम स्थापित करने में भी सफल रहा।

मध्य प्रदेश के 18 जिलों से जुटे समाजजन

इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के 18 जिलों से समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य विवाह योग्य युवक-युवतियों को उपयुक्त जीवनसाथी तलाशने में सहायता करना और समाज के भीतर सामूहिकता और परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना था।

प्रमुख जिले: भोपाल, इंदौर, उज्जैन, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, ग्वालियर, विदिशा, पन्ना, सागर, और दमोह सहित अन्य जिलों से आए समाजजनों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

युवाओं ने किया परिचय और विचारों का आदान-प्रदान

सम्मेलन के दौरान युवाओं ने मंच पर आकर अपने बारे में जानकारी दी। इस परिचय सत्र ने उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद का अवसर प्रदान किया। परिचय सत्र के माध्यम से युवाओं ने अपने विचार साझा किए और एक-दूसरे के साथ संवाद स्थापित किया। यह पहल न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को सुदृढ़ करने का माध्यम बनी, बल्कि समाज में एकता और सामूहिकता की भावना को भी प्रबल किया।

प्रमुख सदस्यों और महिला संगठन की सक्रिय भागीदारी

इस आयोजन में समाज के प्रमुख सदस्य और महिला संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। इनमें शामिल थे:

  • पुरुष नेतृत्व: ओम प्रकाश शर्मा (जिला अध्यक्ष), लालित दुबे (कार्यवाहक अध्यक्ष), नरेंद्र द्वारा (युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष), पंडित लखन शास्त्री, राज नारायण शर्मा, पंडित राकेश शर्मा, पंडित गोविंद नारायण शर्मा (कुंभराज), और महावीर मुद्गल (शिवपुरी)।
  • महिला संगठन: भावना शर्मा (पत्रिका की मुख्य संपादक), दीक्षा शर्मा (सहयोगी संपादक), सपना शर्मा (महिला अध्यक्ष), नीरज अवस्थी (महिला उपाध्यक्ष), नीतू निर्भय, लक्ष्मी पाराशर, ज्योति वशिष्ठ, नीति भार्गव, संगीता दुबे, उपमा शर्मा, अर्चना शर्मा, हेमलता निर्भय, और अन्य।

इन सभी ने आयोजन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की।

समाज के विकास की दिशा में प्रेरणादायक कदम

यह सम्मेलन केवल परिचय का माध्यम नहीं रहा, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने वाला मंच भी साबित हुआ। इस आयोजन ने युवा पीढ़ी को समाज के प्रति जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया और परंपरा एवं आधुनिकता के संतुलन को बनाए रखते हुए समाज के समग्र विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।

भविष्य के लिए दिशानिर्देश

संपूर्ण सनातन ब्राह्मण महासभा ने इस आयोजन के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि ऐसे सम्मेलन न केवल विवाह योग्य युवाओं को जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में सामूहिकता, एकजुटता और विकास के नए द्वार खोलते हैं। इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता समाज को मजबूत करने और भविष्य में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगी।

यह सम्मेलन समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना और इसके माध्यम से यह सिद्ध हुआ कि सामूहिक प्रयासों से समाज में एकता और प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।

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