हम सवारी नहीं पढ़ने वाले विधार्थी है, हमें क्यूँ परेशान किया जा रहा है :- स्टूडेंट , बस ड्राइवर का आतंक चरम पऱ 

भेड़ बकरियों की तरह भरकर ले जाते हैं JP कॉलेज के स्टूडेंटों को, उसी समय आगे जा रही खाली बसों में बैठने पऱ बस वालों से किया जाता है झगड़ा 

अन्य बसों से अपने गतंव्य तक जा रहे JP कॉलेज के स्टूडेंटों को उतारने को लेकर करते है बस चालक से झगड़ा, अंकल जिस बस में जगह हो हमें उसमे बैठकर जाने दिया जाए, हम स्टूडेंटों है हम पऱ ये पाबंधियाँ लागू न की जाएं – JP स्टूडेंटस

गुना। (रिपोर्ट : महेश सोनी) जेपी कॉलेज के स्टूडेंटों को ले जाने के लिए प्रियंका ट्रेवल्स की एक बस MP09-FA- 5541 का चयन किया गया है।

उस बस में बैठक क्षमता से दोगुना अधिक विद्यार्थियों को भेड़, बकरियों की तरह भरकर ले जाया जाता है।

इसी समय इसी कंपनी की दूसरी बस भी जाती है, जिसमें सीटें भी खाली रहती हैं, मगर उस बस में स्टूडेंट को नहीं बैठने दिया जाता, स्टूडेंटों के बैठने पर उनको उतार लिया जाता है, एवं उस बस के ड्राइवर से झगड़ा किया जाता है।

पूर्व में राघोगढ़ चौराहे पर अन्य बसों से जा रहे जेपी कॉलेज के स्टूडेंटों को चौराहे पर उतारने के लिए बस कंडक्टर व ड्राइवर से झगड़ा किया गया, इसका स्टूडेंटों ने विरोध किया तो झगड़े की नौबत आ गई गईं, ब-मुश्किल मामला शांत किया गया।

विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि अधिक भीड़ होने पर बोलते हैं कि 50 रू. दो तुम्हें सीट दिलवाते हैं, 30 रू.में तुम्हें ले जा रहे है यह कम बात नहीं है।

शिकायत मिलने पर आज सुबह JP कॉलेज के विद्यार्थियों को ले जा रही बस की स्तिथि देखी, जिसमें बच्चे बस के दरवाजे पर लटक कर जाते देखें गए।

अब ऐसे में स्टूडेंटों की सुरक्षा का भी सवाल है।

क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को बस में भर कर ले जाया जा रहा है, ऐसे में भगवान न करे कोई दुर्घटना हो गईं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?

विद्यार्थियों का कहना है कि अंकल हम सवारियां नहीं है, हम स्टूडेंट हैं, हम पर यह पाबंधिया लागू न की जाए, जिस बस में जगह मिले उसमें बैठकर हमें जान दिए जाएं, यह हमारी प्रशासन से विनय है।

जानकारी मिलने पर प्रियंका बस के प्रबंधक से भी फोन पऱ बात हुई,  जिनके द्वारा व्यवस्था में सुधार करने की बात कही गई।

अब यह देखना होगा कि प्रशासन के जुम्मेदार व्यवस्था सुधार की दिशा में क्या ठोस कदम उठाते है  ?

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